अति अति विस्मय- जहाँ ज्योति में जून 2009 से सफ़ेद चन्दन एकत्रित होता है|
अ) वैदिक धर्मशास्त्रों के अनुसारसफ़ेद चन्दन के वृक्ष – जंगल केवल देवलोक में ही उपलब्ध हैं | देवलोक में देवता भगवान शिव की पूजा सदैव सफ़ेद चन्दन से किया करते हैं | यही कारण हैं की पृथ्वीलोक में भगवन शिव पर ॐ की आकृति सफ़ेद रंग में ही अंकित की जाती हैं |
ब) जैन मतानुसार सफ़ेद चन्दन के वृक्ष – जंगल मे मल्यागिरी पर्वत में है | इसी जंगल में माँ चक्रेश्वरी का निवास है और इस मंदिर में केसरिया कुंथुनाथ से माँ चक्रेश्वरी का अति विशेष लगाव आभास किया जाता रहा है |
स) इस तीर्थ मन्दिर में पट मंगल नहीं होता हैं अर्थात यात्रियों के लिये दर्शन हेतु मन्दिर 24 घंटे खुला रहता हैं |